भारत के राज्य सभा सीट ( प्रथम चार राज्य क्रमानुसार )Rajya Sabha seats of India (first four states in order)
यहाँ हम आपको एक ऐसी TRICK बताने जा रहे है जिससे की आप भारत के राज्य सभा सीट (प्रथम चार राज्य क्रमानुसार) को आसानी से याद रख पाएँगे |
Trick – “ उमा तमिल पब गई ”
उ – उत्तर प्रदेश ( 31 )
मा - महाराष्ट्र ( 19 )
तमिल - तमिलनाडु ( 18 )
प - पश्चिम बंगाल ( 16)
ब - बिहार ( 16 )
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भारत के राज्य सभा सीट ( प्रथम चार राज्य क्रमानुसार ) |
Explanation
भारत में राज्यसभा (राज्य परिषद) की
सीटें राज्यों की जनसंख्या के आधार पर तय होती हैं। नीचे भारत के पहले चार राज्यों
(जनसंख्या और राज्यसभा सीटों की संख्या के अनुसार क्रमवार) और उनकी राज्यसभा सीटों
की संख्या दी गई है:
भारत
के पहले चार राज्य और उनकी राज्यसभा सीटें (2024
तक):
क्रम |
राज्य |
राज्यसभा
सीटों की संख्या |
1 |
उत्तर प्रदेश |
31 सीटें |
2 |
महाराष्ट्र |
19 सीटें |
3 |
तमिलनाडु |
18 सीटें |
4 |
पश्चिम बंगाल |
16 सीटें |
नोट: कुल राज्यसभा की
अधिकतम सदस्य संख्या 250 है, जिसमें से 238 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते
हैं, और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं।
राज्यसभा
की संरचना और सीट आवंटन
- राज्यसभा
(Council of States) में
अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं,
जिसमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित होते
हैं, और ठोस
238 सीटें
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों
द्वारा भरी जाती हैं.
- वर्तमान में राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है: जिसमें
233 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के निर्वाचित सदस्य, और 12 राष्ट्रपति
नामित सदस्य हैं.
- सीटें राज्यों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आवंटित की जाती हैं,
परंतु 1976 से
2026 तक सीटों का पुनर्वितरण स्थगित है; यानी
अभी पुराने जनगणना आंकड़ों पर आधारित है.
पहले
चार राज्यों की राज्यसभा सीटें
क्रम |
राज्य |
राज्यसभा
सीटें |
1 |
उत्तर प्रदेश |
31 |
2 |
महाराष्ट्र |
19 |
3 |
तमिलनाडु |
18 |
4 |
पश्चिम बंगाल |
16 |
ये संख्या वर्तमान आवंटन के अनुसार है
और इनमें स्थगित डेलिमिटेशन का प्रभाव शामिल है.
अन्य
राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की सीटें
अन्य
महत्वपूर्ण राज्यों की सीटें
- बिहार: 16
- कर्नाटक: 12
- आंध्र प्रदेश: 11
- गुजरात: 11
- मध्य प्रदेश: 11
- ओडिशा: 10
- राजस्थान: 10
- केरल: 9
- असम: 7
- पंजाब: 7
- तेलंगाना: 7
- झारखंड: 6
- छत्तीसगढ़: 5
- हरियाणा: 5
- जम्मू एवं कश्मीर: 4
- हिमाचल प्रदेश: 3
- उत्तराखंड: 3
एक
या एकल सीट वाले:
अग्नेश राज्यों/संघशासित प्रदेशों में
से प्रत्येक को 1
सीट ही प्राप्त है:
– गोवा,
मणिपुर,
मेघालय,
मिजोरम,
नागालैंड,
सिक्किम,
त्रिपुरा,
अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली (NCT), पुडुचेरी
में से प्रत्येक को 1‑1 सीट मिली है
देशभर
की सीट वितरण सारांश
राज्यसभा की वर्तमान सीट संख्या (245):
- 233 सीटें राज्यों/संघशासित प्रदेशों के लिए
- 12 सीटें राष्ट्रपति द्वारा नामित सदस्य (विशेष क्षेत्र जैसे साहित्य, विज्ञान, कला, सामाजिक सेवा आदि में नामांकन)
महत्वपूर्ण
बिंदु
- सीट वितरण
जनसंख्या के आधार पर, लेकिन 1971 की
जनगणना पर स्थिर है (इसे 84वीं संविधान संशोधन से लागू किया गया था, और
यह 2026 तक वैसा ही रहेगा)
- 2026 के
बाद डेलिमिटेशन हो सकता है,
जिससे सीट वितरण में बदलाव संभव
है: जैसे उत्तर प्रदेश और बिहार को अतिरिक्त सीटें मिल सकती हैं, जबकि
कुछ दक्षिणी राज्यों की तुलना में कमी हो सकती है
निष्कर्ष
- वर्तमान में
उत्तर प्रदेश (31), महाराष्ट्र (19), तमिलनाडु
(18) और पश्चिम बंगाल (16) शीर्ष
चार राज्यों में हैं जिनके सबसे अधिक राज्यसभा सीटें हैं।
- पूरा वितरण इसी तरह जनसंख्या-प्रतिक्रिया आधारित, 1971 की
जनगणना पर स्थिर रहता है, और सीटें राज्यों और कुछ केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटित
रहती हैं।
यदि आप किसी विशेष राज्य या केंद्रशासित
प्रदेश की विस्तृत सूची, वर्तमान सदस्यों की जानकारी,
या डेलिमिटेशन की संभावनाओं के बारे में
और जानकारी चाहते हैं, तो कृपया बताएं!
राज्यसभा का संविधानिक स्वरूप और सदस्यों का गठन
- राज्यसभा
की अधिकतम संरचना 250 सदस्यों की होती है,
जिसमें से 238 सदन के निर्वाचित सदस्य (राज्य
एवं केंद्रशासित प्रदेश) होते हैं और
12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए
जाते हैं, जिन्हें विज्ञान,
साहित्य, कला
या सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए चुना जाता है ।
- वर्तमान में राज्यसभा की कुल सदस्य-संख्या 245 है, जिसमें से
233 चुने हुए सदस्य और 12 नामित
सदस्य शामिल हैं।
संख्या
आवंटन – संगठन और आधार
- राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को राज्यसभा की सीटें जनसंख्या के अनुपात में दी
जाती हैं, जैसा कि संविधान की चौथी अनुसूची (Fourth Schedule) में
निर्दिष्ट है ।
- जनसंख्या वृद्धि के बावजूद,
1976 से 2026 तक सीटों का पुनर्वितरण (डेलिमिटेशन) स्थगित है। इसका
उद्देश्य परिवार नियोजन पर असंतुलित प्रभावों को रोकना था ।
वर्तमान
(2025) राज्यसभा सीट वितरण –
संपूर्ण विवरण
नीचे समपूर्ण सूची दी जा रही है जिसमें
प्रत्येक राज्य एवं दो संघशासित प्रदेशों (दिल्ली,
पुडुचेरी) की वर्तमान संख्या दर्शाई गई
है:
राज्य/केंद्रशासित
प्रदेश |
राज्यसभा
सीटें |
उत्तर प्रदेश |
31 |
महाराष्ट्र |
19 |
तमिलनाडु |
18 |
पश्चिम बंगाल |
16 |
बिहार |
16 |
कर्नाटक |
12 |
मध्य प्रदेश |
11 |
गुजरात |
11 |
आंध्र प्रदेश |
11 |
ओडिशा |
10 |
राजस्थान |
10 |
केरल |
9 |
पंजाब |
7 |
तेलंगाना |
7 |
झारखंड |
6 |
हरियाणा |
5 |
छत्तीसगढ़ |
5 |
जम्मू और कश्मीर |
4 |
हिमाचल प्रदेश |
3 |
उत्तराखंड |
3 |
दिल्ली (NCT) |
3 |
असम |
1 |
गोवा |
1 |
मणिपुर |
1 |
मेघालय |
1 |
मिजोरम |
1 |
नागालैंड |
1 |
सिक्किम |
1 |
त्रिपुरा |
1 |
पुडुचेरी |
1 |
नामांकित सदस्य (राष्ट्रपति द्वारा) |
|
यह विवरण Representation of People Act, 1951 और संविधान की चौथी
अनुसूची के आधार पर है, और इसे राजनैतिक विश्लेषण एवं सरकारी स्रोतों द्वारा पुष्ट
किया गया है ।
चुनाव
प्रणाली और प्रक्रिया
- राज्यसभा के सदस्य
राज्य विधायी assemblies
द्वारा चुने जाते हैं, Single Transferable Vote (STV) के proportional
representation पद्धति के
माध्यम से ।
- हर सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष
का होता है, और
लगभग 2 साल
में एक-तिहाई सदस्य
सेवानिवृत्त हो जाते हैं, जिसके
लिए राज्य विधानसभाओं में चुनाव होते हैं ।
संभावित
बदलाव – डेलिमिटेशन (३रा पुनर्वितरण)
- 2026 के
बाद, राजनीतिक निर्वाणीकरण समाप्त होने पर डेलिमिटेशन लागू
होगा और सीटों का पुनर्वितरण वर्तमान जनसंख्या के आधार पर हो सकता है।
- माना जा रहा है कि इससे उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी अधिक
जनसंख्या वाले राज्यों को अतिरिक्त सीट मिल सकती हैं, जबकि
परिवार नियोजन पर काम करने वाले दक्षिणी राज्य जैसे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक
को सीटों में कमी का सामना करना पड़ सकता है ।
- हालाँकि सरकार ने कहा है कि दक्षिणी राज्यों की प्रतिनिधित्व—संख्या
"नुकसान" नहीं होगी,
लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक और
सामाजिक बहसें तेज हैं
।
सारांश
- राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या: 245
(233 निर्वाचित + 12 नामांकित)
- सीट आवंटन:
जनसंख्या के आधार पर, लेकिन 1976–2026 तक
स्थिर
- पहले चार राज्य जिनके
सबसे अधिक सीटें हैं:
उत्तर प्रदेश (31) > महाराष्ट्र (19) > तमिलनाडु (18) > पश्चिम बंगाल (16) - संभावित पुनर्वितरण 2026 में, जिससे
कुछ राज्यों की संख्या बढ़ सकती है,
तो कुछ घट सकती है।
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