भारत के पुर्वितट के बंदरगाह East Coast of India
यहाँ हम आपको एक ऐसी TRICK बताने जा रहे है जिससे की आप भारत के पुर्वितट के बंदरगाह को आसानी से याद रख पाएँगे |
Trick – “ AP KA CCTV ”
A – Anoor
( एन्नोर ) तमिलनाडु
P - Pradwip ( पाराद्वीप ) उड़ीसा
K – Kolkata ( कोलकाता ) प० ब०
C – Chennai ( चेन्नई ) तमिलनाडु
T – Tuticorin (तूतीकोरिन ) तमिलनाडु
V – Vishakhapatnam ( विशाखापटनम )
आन्ध्र प्रदेश
![]() |
भारत के पुर्वितट के बंदरगाह East Coast of India |
Explanation
भारत के पूर्वी तट (East Coast of India) पर कई प्रमुख और गौण (minor) बंदरगाह स्थित हैं। ये बंदरगाह बंगाल की खाड़ी के किनारे फैले हुए हैं और देश के व्यापार, निर्यात-आयात, और सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यहाँ आपको प्रमुख बंदरगाहों की सूची, उनके स्थान और विशेषताओं के साथ पूरी जानकारी दी जा रही है
पूर्वी
तट बंदरगाहों की रणनीतिक विशेषताएँ:
विशेषता |
विवरण |
🌊 समुद्र |
बंगाल की खाड़ी |
🛳️ उपयोग |
लौह अयस्क, कोयला, पेट्रोलियम, कंटेनर, कार निर्यात |
🧭 सामरिक महत्त्व |
विशाखापट्टनम जैसे पोर्ट नौसेना के
लिए महत्वपूर्ण |
📈 विकास |
कई पोर्टों को स्मार्ट बंदरगाह और सेज
से जोड़ा जा रहा है |
भारत
के पूर्वी तट के प्रमुख बंदरगाह (Major
Ports on East Coast of India)
बंदरगाह
का नाम |
स्थान
(राज्य) |
स्थापना
वर्ष |
विशेषताएं |
कोलकाता बंदरगाह (Syama Prasad Mookerjee Port) |
पश्चिम बंगाल |
1870 |
यह भारत का सबसे पुराना प्रमुख
बंदरगाह है; हुगली नदी पर स्थित;
नदी बंदरगाह होने के कारण ड्रेजिंग की
ज़रूरत होती है। |
हल्दिया पोर्ट |
पश्चिम बंगाल |
1977 |
कोलकाता पोर्ट का उपग्रह बंदरगाह; पेट्रोलियम, रसायन और कोयला
निर्यात के लिए प्रमुख। |
पारादीप पोर्ट |
ओडिशा |
1966 |
कोयला और लौह अयस्क के निर्यात में
अग्रणी; गंगावली नदी पर स्थित। |
विशाखापट्टनम पोर्ट |
आंध्र प्रदेश |
1933 |
भारत का सबसे गहरा बंदरगाह; रक्षा और व्यापार
दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण। |
काकीनाडा पोर्ट |
आंध्र प्रदेश |
1999 |
मुख्यतः उर्वरक, चावल और तेल
उत्पादों के निर्यात के लिए। |
चेन्नई पोर्ट |
तमिलनाडु |
1881 |
भारत का दूसरा सबसे व्यस्त बंदरगाह; कारों का निर्यात
विशेष रूप से होता है। |
एन्नोर पोर्ट (Kamarajar Port) |
तमिलनाडु |
2001 |
चेन्नई पोर्ट का सैटेलाइट पोर्ट; कोयला और ऊर्जा
क्षेत्र के लिए महत्त्वपूर्ण। |
तूत्तुकुड़ी पोर्ट (V.O. Chidambaranar Port) |
तमिलनाडु |
1974 |
दक्षिण भारत का प्रमुख बंदरगाह; थूथुकुडी में स्थित; उर्वरक और खाद्य
उत्पादों के व्यापार में अग्रणी। |
भारत
के पूर्वी तट के गौण (Minor) बंदरगाह
बंदरगाह
का नाम |
राज्य |
विशेषताएं |
ढामरा पोर्ट |
ओडिशा |
निजी बंदरगाह; अदानी समूह द्वारा
संचालित; खनिज और कोयले के निर्यात में प्रमुख। |
कृष्णपट्टनम पोर्ट |
आंध्र प्रदेश |
निजी पोर्ट; कंटेनर और बल्क
कार्गो के लिए प्रसिद्ध। |
गंगावरम पोर्ट |
आंध्र प्रदेश |
विशाखापट्टनम के पास; भारत का सबसे गहरा
निजी बंदरगाह। |
कोरिंग पोर्ट |
आंध्र प्रदेश |
छोटे व्यापारिक कार्गो के लिए। |
कैराइकल पोर्ट |
पुडुचेरी (पांडिचेरी) |
औद्योगिक वस्त्रों और कंटेनर ट्रैफिक
के लिए। |
पूर्वी
तट के बंदरगाहों की विशेषताएँ
- अधिकतर बंदरगाह बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित हैं।
- यहाँ के बंदरगाह पश्चिमी तट की तुलना में कम गहरे हैं, लेकिन
हाल के वर्षों में इनका विकास तेजी से हुआ है।
- बंदरगाहों से लौह अयस्क,
कोयला, चावल, उर्वरक, कपड़ा, ऑटोमोबाइल
आदि का निर्यात होता है।
- पूर्वी तट पर मानसून अपेक्षाकृत कम प्रभावी होता है, जिससे
बंदरगाह संचालन में रुकावट कम आती है।
- कोलकाता बंदरगाह (Syama
Prasad Mookerjee Port)
- पारादीप बंदरगाह (Odisha)
- विशाखापट्टनम बंदरगाह
- चेन्नई बंदरगाह
- एन्नोर (Kamarajar)
बंदरगाह
- तूत्तुकुड़ी (VOC)
बंदरगाह
- हल्दिया पोर्ट
- गंगावरम या कृष्णपट्टनम जैसे निजी पोर्ट
आपको भारत के पूर्वी तट के सभी
प्रमुख और गौण बंदरगाहों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जो बंगाल की खाड़ी के
किनारे पश्चिम बंगाल से तमिलनाडु तक फैले हुए हैं।
1.
कोलकाता बंदरगाह (Syama Prasad Mookerjee Port)
स्थान: पश्चिम बंगाल (हुगली
नदी के किनारे)
स्थापना: 1870 (ब्रिटिश
काल में)
प्रकार: नदी बंदरगाह
विशेषताएँ:
- यह भारत का
सबसे पुराना प्रमुख बंदरगाह है।
- यह बंगाल की खाड़ी से करीब 128 किमी
अंदर स्थित है।
- इसमें दो डॉक सिस्टम हैं: कोलकाता डॉक और हल्दिया डॉक।
- भारी ड्रेजिंग की आवश्यकता होती है क्योंकि यह नदी पर
स्थित है।
- कंटेनर, पेट्रोलियम,
कोयला, चाय, जूट
आदि के निर्यात में अग्रणी।
2.
हल्दिया पोर्ट
स्थान: पश्चिम बंगाल
स्थापना: 1977
प्रकार: सहायक पोर्ट (कोलकाता
पोर्ट का सैटेलाइट)
विशेषताएँ:
- हल्दिया पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के निकट।
- कोलकाता पोर्ट पर दबाव कम करने के लिए बनाया गया।
- क्रूड ऑयल,
रसायन, खाद्य
तेल, कोयला और कंटेनर यातायात प्रमुख।
3. पारादीप पोर्ट (Paradip
Port)
स्थान: ओडिशा
स्थापना: 1966
नदी: महानदी डेल्टा
क्षेत्र
विशेषताएँ:
- लौह अयस्क और थर्मल कोयले का बड़ा निर्यात केंद्र।
- खनिज, उर्वरक, रसायन, और एलएनजी का आयात-निर्यात होता है।
- प्रमुख रूप से भारत-जापान,
चीन और दक्षिण कोरिया के बीच
व्यापार।
4. विशाखापट्टनम पोर्ट (Visakhapatnam
Port)
स्थान: आंध्र प्रदेश
स्थापना: 1933
प्रकार: प्राकृतिक बंदरगाह
विशेषताएँ:
- भारत का
सबसे गहरा बंदरगाह (16.5 मीटर
ड्राफ्ट तक)।
- लौह अयस्क,
कोयला, तेल, कंटेनर, उर्वरक
आदि का निर्यात-आयात।
- रक्षा क्षेत्र (Eastern
Naval Command) के लिए भी
रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण।
5.
काकीनाडा पोर्ट (Kakinada Port)
स्थान: आंध्र प्रदेश
प्रकार: छोटा प्रमुख पोर्ट (Deepwater & Anchorage)
विशेषताएँ:
- चावल, तिलहन, उर्वरक, कोकोनट तेल,
और समुद्री उत्पादों का व्यापार।
- काकीनाडा SEZ
के अंतर्गत आने वाला एक बंदरगाह।
- प्राकृतिक गैस और एलएनजी के लिए भी महत्त्वपूर्ण।
6. कृष्णपट्टनम पोर्ट (Krishnapatnam
Port)
स्थान: आंध्र प्रदेश
प्रकार: निजी पोर्ट (Adani Group द्वारा
संचालित)
विशेषताएँ:
- अत्याधुनिक कंटेनर टर्मिनल और बल्क कार्गो सुविधा।
- भारत का सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला बंदरगाह।
- कोयला, लौह अयस्क,
सीमेंट और कंटेनर शिपिंग के लिए
प्रसिद्ध।
7.
गंगावरम पोर्ट (Gangavaram Port)
स्थान: आंध्र प्रदेश
(विशाखापट्टनम के पास)
स्थापना: 2009
प्रकार: निजी पोर्ट
विशेषताएँ:
- भारत का सबसे गहरा निजी पोर्ट (21 मीटर
तक ड्राफ्ट)।
- आयरन ओर, कोयला और स्टील के व्यापार में महत्त्वपूर्ण।
- पूरी तरह से मेकेनाइज्ड ऑपरेशन।
8.
चेन्नई बंदरगाह (Chennai Port)
स्थान: तमिलनाडु
स्थापना: 1881
प्रकार: कृत्रिम बंदरगाह
विशेषताएँ:
- भारत का दूसरा सबसे व्यस्त बंदरगाह।
- ऑटोमोबाइल का निर्यात,
खासकर Hyundai, Nissan और
Ford की कारें।
- कोयला, कंटेनर, उर्वरक, रसायन आदि की आवाजाही।
9.
एन्नोर पोर्ट (Kamarajar Port)
स्थान: तमिलनाडु (चेन्नई के
उत्तर में)
स्थापना: 2001
प्रकार: सार्वजनिक-निजी भागीदारी
मॉडल
विशेषताएँ:
- भारत का पहला कॉर्पोरेट बंदरगाह।
- मुख्यतः थर्मल कोल और लिक्विड बल्क के लिए।
- चेन्नई पोर्ट का लोड कम करने के लिए बनाया गया।
10.
तूत्तुकुड़ी पोर्ट (V.O. Chidambaranar Port)
स्थान: तमिलनाडु (तूत्तुकुड़ी/Thoothukudi)
स्थापना: 1974
विशेषताएँ:
- पर्ल फिशिंग के लिए ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध।
- उर्वरक, सीमेंट, नमक, टेक्सटाइल और कंटेनर कार्गो के लिए महत्वपूर्ण।
11.
ढामरा पोर्ट (Dhamra Port)
स्थान: ओडिशा
संचालन: Adani Ports & SEZ
विशेषताएँ:
- लौह अयस्क,
कोयला, और
खाद्य तेल का व्यापार।
- पारादीप बंदरगाह के पूरक के रूप में कार्य करता है।
12.
कैराइकल पोर्ट (Karaikal Port)
स्थान: पुडुचेरी
प्रकार: निजी बंदरगाह
विशेषताएँ:
- बंदरगाह में कंटेनर, लिक्विड कार्गो, थर्मल कोल आदि की आवाजाही होती है।