वायुमण्डल की संरचना,ओजोन परत,क्षोभमंडल (ट्रोपोस्फीयर),समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर),आयन मण्डल

वायुमण्डल की संरचना

तापमान के आधार पर वातावरण की संरचना में पांच परतें होती है

                                वायुमण्डल की संरचना



  • वायुमंडल  की संरचना में कई गैसें धूल के कारण और जलवाष्प शामिल हैं
  • वायुमंडल की संरचना के संबंध में पृथ्वी की सतह से 120 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की   उपस्थिति नगण्य हो जाती है
  • जलवाष्प और कार्बन डाइऑक्साइड केवल 90 किलोमीटर तक पाई जाती है

ओजोन परत 

  • पृथ्वी की सतह से लगभग 10 से 50 किलोमीटर ऊपर ओजोन परत मौजूद है और सूरज से U.V (  पैरा बैगनी किरण ) को अवशोषित करते हुए एक छलनी के रूप में कार्य करती है
  • ओजोन परत हानिकारक किरणों को पृथ्वी की सतह तक पहुंचने से रोकती है
  • ओजोन परत को DOBSN से मापते हैं
  • ओजोन परत की मोटाई 3 mm के आस पास होती है
  • 16 सितंबर को ओजोन दिवस मनाया जाता है

जलवाष्प 

  •  जलवाष्प एक परिवर्तनशील गैस से जो ऊंचाई के साथ घटती जाती है यह भूमध्य रेखा  से ध्रुवो की ओर कम हो जाती है
  •  यह कंबल की तरह कार्य करता है जिससे पृथ्वी ना तो बहुत अधिक गर्म हो सकती है और ना ही अधिक ठंडी हो सकती है
  •  यह हवा में स्थिरता और अस्थिरता में भी योगदान देता है

धूल के कण

 ध्रुवीय क्षेत्रों और भूमध्य रेखीय क्षेत्रों के विपरीत शुष्क हवाओं के कारण धूल के कण समशीतोष्ण और उपोषण   कटिबंधीय क्षेत्रों में उच्च सांद्रता में हैं

नाइट्रोजन गैस 

  •  वायुमंडल 78% नाइट्रोजन से बना है
  •  नाइट्रोजन का उपयोग सीधे हवा से नहीं किया जा सकता है
  •  प्रोटीन बनाने के लिए जैविक घटकों को नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है
  •  नाइट्रोजन चक्र जीवित चीजों के लिए आवश्यक नाइट्रोजन की आपूर्ति का तरीका है

ऑक्सीजन गैस 

  •  वायुमंडल 21% ऑक्सीजन से बना  है
  •  यह सभी जीवित चीजों द्वारा उपयोग किया जाता और श्वसन के लिए आवश्यक है
  •  यह दहन के लिए अनिवार्य है

ऑर्गन 

  •  वायु मंडल 0.9%  आर्गन से बना है
  •  आर्गन मुख्य रूप से प्रकाश बल्बों में उपयोग किए जाते हैं

कार्बन डाइऑक्साइड गैस 

  •  वायुमंडल 0.03% कार्बन डाइऑक्साइड से बना है 
  •  पौधे इसका उपयोग ऑक्सीजन उत्पादन के लिए करते हैं
  •  यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाहरी स्थली विकिरण के लिए अपारदर्शी है और आने वाले सौर विकिरण के लिए पारदर्शी है
  •  यह ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए जिम्मेदार है

तापमान के आधार पर वातावरण की संरचना में पांच परतें होती है

 क्षोभमंडल (ट्रोपोस्फीयर)

  •  इसे पृथ्वी के वायुमंडल की सबसे निचली परत माना जाता है।
  •  क्षोभ मंडल पृथ्वी की सतह पर शुरू होता है और 7 से 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाता है
  •  सभी मौसमी प्रक्रियाएं इसी परत के भीतर होती है
  •  इस परत में जलवाष्प और परिपक्व कण होते हैं
  •  प्रत्येक 165 मीटर ऊंचाई पर तापमान 1 डिग्री सेल्सियस की दर से  है
  •  ट्रोपोपॉज ट्रोपोस्फीयर और स्ट्रेटोस्फीयर को अलग करता है

  समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर)

  • यह वायुमंडल की दूसरी परत है जो क्षोभ मंडल के ऊपर पाई जाती है
  • 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है
  • अपराध बहुत सुखी होती है क्योंकि इसमें बहुत कम जलवाष्प होती है
  • एयरपोर्ट हवाई उड़ानों के लिए कुछ फायदे प्रदान करती है क्योंकि यह तूफानी मौसम से ऊपर है और इसमें स्थिर मजबूत क्षैतिज हवाएं हैं
  •  इस परत में ओजोन परत पाई जाती है

मध्य मंडल (मेसोस्फियर }

  • मध्य मंडल समताप मंडल के ऊपर पाया जाता है यह वायुमंडलीय परतों में सबसे ठंडा है
  • मध्य मंडल पृथ्वी की सतह से 50 किलोमीटर ऊपर से शुरू होता है और 85 किलोमीटर तक ऊपर जाता है
  • इस परत में ऊंचाई के साथ तापमान गिरता है 80 किलोमीटर तक 100 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है
  • इस परत में उल्का पिंड जलते हैं
  • ऊपरी सीमा को मैसोंपॉज कहा जाता है जो मध्य मंडल और थर्मोस्फीयर को अलग करता है

आयन मंडल (थर्मोस्फीयर) 

  •  यह  परत मध्य मंडल के ऊपर 80 से 400 किलोमीटर तक पाई जाती है
  •  पृथ्वी से प्रसारित होने वाली रेडियो तरंगे इस परत द्वारा वापस परावर्तित होती हैं
  •  तापमान ऊंचाई के साथ बढ़ता है
  •  इस परत में औरोरा और उपग्रह होते हैं

आयन मण्डल

  •  निचले थर्मोस्फीयर को आइनोस्फीयर कहा जाता है
  •  आयन मंडल को विद्युत रुप से आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहा जाता है
  •  इस परत को पृथ्वी के वातावरण की परत के रूप में परिभाषित किया गया है जो कि ब्रह्मांड और सौर विकिरण  द्वारा आयोजित है

वहिमंडल (एक्सोस्फीयर)

  •  यह वायुमंडल की सबसे बाहरी परत है
  •  वह क्षेत्र जहां अणु और परमाणु अंतरिक्ष में भाग जाते हैं एक्सोस्फीयर के रूप में जाना जाता है
  •  थर्मोस्फीयर के ऊपर से लेकर 10000 किलोमीटर तक फैला हुआ है