मध्यकालीन भारत, भारत पर मुस्लिम आक्रमण,गुलाम वंश (1206 से 1290 ई०),खिलजी वंश (1290 से 1320 ई०),तुगलक वंश (1320-1413 ई०),लोदी वंश (1451 से 1526 ई०)

भारत के मध्यकालीन इतिहास का दौर 8 वीं सदी से लेकर 12 वीं सदी तक माना जाता है I इस काल में हम पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट से लेकर दिल्ली सल्तनत और शक्तिशाली गुलाम वंश,खिलजी वंश,तुगलक वंश,लोदी वंश  के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे I
कुतुबुद्दीन ऐबक
कुतुबुद्दीन ऐबक 


भारत पर मुस्लिम आक्रमण


  • भारत पर पहला सफल मुस्लिम आक्रमण मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ई० में किया था। उसने सिंध एवं मुल्तान को जीत लिया था |
  • महमूद गजनवी ने 1001 से 1027 ई० के बीच भारत पर 17 बार आक्रमण किये। इसमें 1025 ई० में सोमनाथ के शिव मंदिर पर किया गया आक्रमण सबसे प्रसिद्ध था।
  • मुहम्मद गोरी को भारत में तुर्क सत्ता का संस्थापक माना जाता है।
  • 1175 ई० में चालुक्य सोलंकी वंश के शासक भीम द्वितीय ने आबू पर्वत के समीप मोहम्मद गोरी को पराजित किया था।
  • 1191 ई के तराइन के प्रथम युद्ध में पृथ्वीराज चौहान के हाथों पराजय के बाद 1192 ई० के तराइन के द्वितीय युद्ध में उसने पृथ्वीराज चौहान को पराजित किया।
  • 1194 ई० में चंदावर के युद्ध में कन्नौज के गहड़वाल राजा जयचंद को मोहम्मद गोरी ने पराजित किया।
  • 1206 ई० में मोहम्मद गोरी की हत्या गजनी लौटने के क्रम में हो गई।


गुलाम वंश (1206 से 1290 ई०)

  • गुलाम वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक (1206 से 1210 ई०) था
  • कुतुबुद्दीन ऐबक को उसकी उदारता के कारण लाखबख्श (लाखों का दान करने वाला) कहा गया।
  • ऐबक ने ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ करवाया।
  • 1210 ई० में चौगान (पोलो) खेलते समय ऐबक की मृत्यु हो गई।
  • इल्तुतमिश (1210 से 1236 ई०) ने अपने विरोधियों से निपटने के लिए 40 दासो का एक दल बनाया जिसे 'तुर्कान ए- चहलगानी' कहा गया।
  • इल्तुतमिश ने अपने साम्राज्य को छोटे-छोटे क्षेत्रों में बांट दिया जिसे एक्ता कहा गया इसका प्रशासक इक्तादार होता था।
  • इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार के निर्माण को पूरा करवाया।
  • इल्तुतमिश ने अपनी राजधानी लाहौर से दिल्ली स्थानांतरित की
  • रजिया सुल्तान (1236 से 1240 ई०) भारत की प्रथम महिला मुस्लिम शासिका थी
  • रजिया ने पहनावे में पर्दे को त्यागकर कूबा (कोर्ट) तथा कुलाह (टोपी) धारण की। उसने भटिंडा के प्रशासक अल्तूनिया से निकाह किया।
  • बलबन (1265 से 1287 ई०) दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान था जिसने सुल्तान की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से  राजत्व संबंधी विचार प्रस्तुत किए।
  • बलबन ने फारसी (इरानी) परंपरा की तर्ज पर 'सिजदा' तथा 'पाबोस' की प्रथा चलाई।
  • उसने फारसी परंपरा पर आधारित 'नवरोज' उत्सव की शुरुआत की।
  • बलबन ने अपने विरोधियों से निपटने के लिए 'लौह एवं रक्त' की नीति का अनुसरण किया।

खिलजी वंश (1290 से 1320 ई०)

  • खिलजी वंश का संस्थापक जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (1290 से 1296 ई०) था। उसने अपनी राजधानी दिल्ली के निकट किलोकरी में बनाई।
  • जलालुद्दीन फिरोज दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान था जिसने राजत्व का आधार प्रजा का समर्थन माना।
  • अलाउद्दीन खिलजी (1296  से 1316 ई०) का मूल नाम अली गुरशास्प था। उसने सिकंदर द्वितीय सानी की उपाधि धारण की।
  • अलाउद्दीन खिलजी प्रथम मुस्लिम सुल्तान था, जिसने दक्षिण भारत पर आक्रमण किया और उसे अपने अधीन किया।
  • उसके सेनानायक मलिक काफूर को दक्षिण विजय का श्रेय दिया जाता है।
  • अलाउद्दीन की नीतियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण 'बाजार नियंत्रण नीति' थी, जिसका उद्देश्य अपने विशाल सेना की आवश्यकताओं को पूरा करना था।
  • अलाउद्दीन ने इनाम, मिलक तथा वक्फ भूमि को खालसा भूमि में परिवर्तित कर दिया।
  • वह प्रथम सुल्तान था जिसने भूमि की माप के आधार पर लगान निर्धारित किया।
  • अलाउद्दीन ने सैनिकों की सीधी भर्ती तथा नकद वेतन देने की प्रथा की शुरुआत की। उसके सैनिकों के लिए 'चेहरा' तथा उनके घोड़ों के लिए 'दाग' प्रथा की शुरुआत की।

तुगलक वंश (1320-1413 ई०)

  • तुगलक वंश का संस्थापक गयासुद्दीन तुगलक (1320 से 1325) ई० था
  • गयासुद्दीन तुगलक नहरों तथा कुओं का निर्माण करवाया तथा डाक व्यवस्था को संगठित किया।
  • मुहम्मद बिन तुगलक (1325 से 1351 ई०) का मूल नाम जौना खाँ था।
  • कुछ इतिहासकारों ने मुहम्मद बिन तुगलक को 'पागल', 'रक्त-पिपासु, कहा है।
  • मोहम्मद तुगलक द्वारा चार प्रयोग किए गए, ये राजधानी परिवर्तन, दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि, सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन तथा कराचील एवं खुरासान विजय की योजना थी।
  • उसने अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद (देवगिरी) स्थानांतरित की। पर बाद में पुनः दिल्ली ही राजधानी बनी।
  • सांकेतिक मुद्रा के प्रचलन के लिए उसने तांबे तथा इससे मिश्रित कांसे के सिक्के चलाए थे। पर यह योजना भी कतिपय कारणों से असफल रही।
  • 'रहेला' पुस्तक का रचयिता मोरक्को के यात्री इब्नबतूता था, जो मोहम्मद बिन तुगलक के शासन काल में भारत आया था।
  • मोहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए एक नवीन कृषि विभाग 'दीवान ए अमीर कोही' की स्थापना की।
  • फिरोजशाह तुगलक (1351 से 1388 ई०) अपने कल्याणकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध है।
  • फिरोजशाह ने सिंचाई की सुविधा के लिए कई नहरों का निर्माण करवाया। वह पहला सुल्तान था जिसने प्रजा से सिंचाई कर 'शर्ब' वसूला।
  • फिरोजशाह ने एक दान विभाग 'दीवान-ए-खैरान' की स्थापना की। उसने एक दास विभाग 'दिवान-ए-बन्दगान' की भी स्थापना की थी।
  • वह पहला सुल्तान था जिसने ब्राह्मणों पर भी 'जजिया कर' लगाया।
  • फिरोजशाह तुगलक ने अपनी आत्मकथा 'फुतुहात-ए-फिरोजशाही' की रचना की।
  • मोहम्मदशाह 'तुगलक वंश' का अंतिम शासक था, जिसके शासनकाल में तैमूरलंग का दिल्ली पर आक्रमण (1398 ई०) हुआ।
  • सैयद वंश (1414 से 1451 ई०) का संस्थापक खिज्र था।

लोदी वंश (1451 से 1526 ई०)

  • लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी (1451-1488 ई०) था, इसने भारत में पहली बार अफगान राज्य की स्थापना की।
  • सिकंदर लोदी (1489 से 1517 ई०) ने भूमि की माप के लिए सिकंदरी गज के इस्तेमाल की शुरुआत की।
  • उसने 'गुलरूखी' के उपनाम से कविताएं भी लिखी।
  • सिकंदर लोदी ने 1504 ई० में आगरा नगर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।
  • इब्राहिम लोदी (1517 से 1526 ई०)  दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था। पानीपत के प्रथम युद्ध 1526 ई० में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित कर दिल्ली सल्तनत का अंत कर दिया।